Vishwasghaat book and story is written by Mayank Saxena in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Vishwasghaat is also popular in Motivational Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
विश्वासघात
Mayank Saxena Honey
द्वारा
हिंदी प्रेरक कथा
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विवरण
विश्वासघात "जय श्री कृष्णा।" इस अभिवादन ने सभी का ध्यान द्वार पर आए आगंतुक की ओर आकर्षित कर दिया। ये आगन्तुक और कोई नहीं बल्कि रिश्ते करवाने वाले बिचौलिए जगन्नाथ बाबू थे। "अरे, जगन्नाथ बाबू आप! जय श्री राधे-कृष्णा" ऐसा कहते हुए दुष्यन्त बाबू ने अपने आसन से खड़े होकर दोनों हाथों को जोड़कर नमस्कार वाली स्तिथि में जगन्नाथ बाबू के अभिवादन का उत्तर दिया। जगन्नाथ: "कहें तो अंदर आ जाएँ?" दुष्यन्त: "छोटे भाईयों के यहाँ आने के लिए बड़े भाईयों को आज्ञा की आवश्यकता कबसे पड़ने लगी?" जगन्नाथ: "तुम बिलकुल नहीं बदले, दुष्यन्त। इतने समय दूसरे राज्यों में नौकरी
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