What about us...neither my mother house nor my in-laws house book and story is written by Shalini Gautam in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. What about us...neither my mother house nor my in-laws house is also popular in Short Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. हमारा क्या ...ना मायका ना ससुराल Shalini Gautam द्वारा हिंदी लघुकथा 3 1.3k Downloads 4.5k Views Writen by Shalini Gautam Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण मायके में बेटी से अक्सर ये कहतें सुना गया है कि पराए घर जाना है,जरा ढंग से रहा करो, ससुराल आती है तो उसे सबसे सुना पड़ता है कि पराये घर से आयी है,ढंग में रहा करो ।आज तक मैं ये नहीं समझ पायी कि दोनों घर में पाया जाने वाला वो ढंग कौन सा है ।शादी से पहले हम मायके में परायी बना दी जाती हैंl और ससुराल पहुंचकर हम फिर से परायी ही कहलाती हैं। जरा कोई ये तो बताये कि पूरी जिंदगी मायके और ससुराल के नाम लिखने वाली उस बेटी का अपना घर आखिर है कौन सा?मायके में More Likes This My Devil Hubby Rebirth Love - 46 द्वारा Naaz Zehra अकेलापन द्वारा Kahani Sangrah मझली दीदी द्वारा S Sinha बुजुर्गो का आशिष - 2 द्वारा Ashish नो मोर अभी नहीं द्वारा S Sinha शैतान का कुचक्र - 1 द्वारा LM Sharma सारथी द्वारा LOTUS अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी