Fathers Day - 21 book and story is written by Praful Shah in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Fathers Day - 21 is also popular in Fiction Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. फादर्स डे - 21 Praful Shah द्वारा हिंदी फिक्शन कहानी 2 867 Downloads 2k Views Writen by Praful Shah Category फिक्शन कहानी पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण लेखक: प्रफुल शाह खण्ड 21 सोमवार, 06/12/1999 सूर्यकान्त ने अपनी कलाई पर बंधी घड़ी पर नजर दौड़ाई। समय भाग रहा था। वह असहाय महसूस कर रहा था। वह इस बात का अफसोस मना रहा था कि संकेत के साथ उसके बिताए हुए सुनहरे दिन अब कभी वापस नहीं आएंगे। उसने महसूस किया कि वक्त पिछले सोमवार पर ही ठहरा हुआ है, अफसोस, उसकी सांसें ठहरी हुई नहीं हैं। आज ठीक एक सप्ताह हो गया, संकेत को लापता हुए। सुबह के समय प्रतिभा रसोई में व्यस्त तो थी, पर उसका दिमाग एकदम खाली था। जिस समय वह नल के नीचे चावल Novels फादर्स डे सोमवार, 29/11/1999 पिनकोडः 412801, श्रीवाल, खंडाला, जिला सातारा, महाराष्ट्र। करीबी रेल्वे स्टेशनः दौन्दाज, 23.6 किलोमीटर। करीबी हवाई अड्डाः ह... More Likes This सर्विस पॉर्ट - 1 द्वारा Lalit Kishor Aka Shitiz My Passionate Hubby - 1 द्वारा Asha Sahu किरन - 2 द्वारा Veena नागिन और रहस्यमयि दुनिया - 1 द्वारा Neha Hudda प्यार बेशुमार - भाग 6 द्वारा Aarushi Thakur नागेंद्र - भाग 1 द्वारा anita bashal दिवाकर : दी फादर - भाग 1 द्वारा Lalit Kishor Aka Shitiz अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी