Father, one understands after becoming a father himself. book and story is written by ABHAY SINGH in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Father, one understands after becoming a father himself. is also popular in Short Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. बाप, खुद बाप बनने के बाद समझ आता है। ABHAY SINGH द्वारा हिंदी लघुकथा 1.1k Downloads 3.4k Views Writen by ABHAY SINGH Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण बाप, खुद बाप बनने के बाद समझ आता है। कहीं पढ़ा था,कि पिता-पुत्र के सम्बंध वक्त के साथ बदलते हैं। कम उम्र का बच्चा पिता को आइडोलाइज करता है, उसके जैसा बनना चाहता है। लेकिन निजी वैयक्तिकता विकसित होते ही, सबसे पहला विद्रोह भी उसी से करता है। ●●क्योकि किशोरवय बालक के पास आलोचना का आसानी से उपलब्ध..और सबसे "सेफ टारगेट" पिता है। बाप की हेयरस्टाइल, कपड़े, सोच, तौर तरीक़े, लुक्स, उसकी आदतें.. किशोरावस्था में सब पिछड़ा, औऱ अनुपयोगी लगता है। बेटा पिता के ठीक उलट जाकर कुछ करना चाहता है। खुद के तरीके, आजमाना चाहता है। ●●भगतसिंह वही बेटा More Likes This वो यादगार लम्हे, वो सच्ची दोस्ती द्वारा R B Chavda दादीमा की कहानियाँ - 2 द्वारा Ashish My Devil Hubby Rebirth Love - 46 द्वारा Naaz Zehra अकेलापन द्वारा Kahani Sangrah मझली दीदी द्वारा S Sinha बुजुर्गो का आशिष - 2 द्वारा Ashish नो मोर अभी नहीं द्वारा S Sinha अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी