बंगले का रहस्य... Saroj Verma द्वारा डरावनी कहानी में हिंदी पीडीएफ होम किताबें हिंदी किताबें डरावनी कहानी किताबें बंगले का रहस्य... बंगले का रहस्य... Saroj Verma द्वारा हिंदी डरावनी कहानी 3k 8.6k रेस्ट हाउस के आगें जैसे ही फारेस्ट आँफिसर गजेन्द्र सिंह की जीप रुकी तो रेस्ट हाउस का चौकीदार मलखान जीप के पास आकर बोला.... "नमस्ते साहब!" तभी जीप का ड्राइवर सुखवीर जीप से उतरा और मलखान से बोला... "कैसें ...और पढ़ेमलखान"? "अच्छा हूँ ड्राइवर साहब",मलखान बोला... "ये हैं हमारे नए साहब,ये इस इलाके का दौरा करने आए हैं और दो चार दिन यहीं रुकेगें",सुखवीर बोला... "बहुत अच्छी बात है",मलखान बोला... "तो साहब का सामान जीप से उतारकर कमरें में पहुँचा दो",सुखवीर बोला... "जी!साहब!", और ऐसा कहकर मलखान ने फारेस्ट आँफिसर गजेन्द्र सिंह का सामान जीप से उतारा और रेस्ट हाउस कम पढ़ें पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें बंगले का रहस्य... अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी Saroj Verma फॉलो