Dushchak - 2 book and story is written by किशनलाल शर्मा in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Dushchak - 2 is also popular in Moral Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
दुष्चक्र - 2
Kishanlal Sharma
द्वारा
हिंदी सामाजिक कहानियां
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विवरण
रिश्वत,भरस्टाचार,ऊपरी कमाई या गलत तरीके से कमाया पैसा आदमी को व्यसनों की तरफ अग्रसित करता है।शराब पीने की आदत,वेश्यागमन,जुआ आदि की लत ऐसे पैसे से ही पड़ जाती है।वह सर्विस में आया तब बेहद ईमानदार और सच्चरित्र था।रिश्वत से उसे सख्त चिढ़ थी।लोगो को रिश्वत लेते और बेईमानी के पैसे से गुलछर्रे उड़ाते हुए देखकर बेहद दुख होता था।साथियों को वह समझाता।उन्हें उपदेश देता।भरस्टाचार से होने वाले नुकसान के बारे में वह अपने साथियों को बताता।उसने अपने सहकर्मियों को सुधारने का भरसक प्रयास किया था।पर वह उन्हें नही सुधार पाया था।उल्टे समय बीतने के संग वह उनके रंग में ही
नारंग ने हाथ मे बंधी घड़ी में समय देखा।रात के साढ़े नौ बजे थे।इस स्टेशन से छोटी लाइन की अंतिम ट्रेन कुमायूं एक्सप्रेस जाती थी।इस ट्रेन के छूटने में आधा...
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