my thakur ji book and story is written by दिनेश कुमार in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. my thakur ji is also popular in Short Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. मेरे ठाकुर जी DINESH KUMAR KEER द्वारा हिंदी लघुकथा 1 1k Downloads 2.6k Views Writen by DINESH KUMAR KEER Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण एक व्यक्ति हर रोज मंगला दर्शन अपने नजदीकी मंदिर में करता है और फिर अपने नित्य जीवन कार्य में लग जाता है। कहीं वर्ष तक यह नियम होता रहा। एक दिन ऐसे ही वह मंदिर पहुँचा तो मंदिर के श्री प्रभु के द्वार बंद पाये। वह आकुल व्याकुल हो गया। अरे ऐसा कैसे हो सकता है? उसके हृदय को खेद पहुंचा। वह नजदीकी एक जगह पर बैठ गया। उनकी आँखों से आँसू बहने लगे, और आंतरिक पुकार उठी। " हे बांके बिहारी जी , हे गिर्वरधारी जी। जाए छुपे हो कहाँ, हमरी बारी जी...।।" बहते आंसू और More Likes This मझली दीदी द्वारा S Sinha बुजुर्गो का आशिष - 2 द्वारा Ashish नो मोर अभी नहीं द्वारा S Sinha शैतान का कुचक्र - 1 द्वारा LM Sharma सारथी द्वारा Lo t u s Mohabbat ya Dhokha - 1 द्वारा aruhi टूटी फूटी कहानियों का संग्रह - भाग 1 द्वारा Sonu Kasana अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी