दक्षिण भारत और हिंदी Kishanlal Sharma द्वारा यात्रा विशेष में हिंदी पीडीएफ होम किताबें हिंदी किताबें यात्रा विशेष किताबें दक्षिण भारत और हिंदी दक्षिण भारत और हिंदी Kishanlal Sharma द्वारा हिंदी यात्रा विशेष 864 2.5k तमिलनाडु में कोई हिंदी नही समझता।वहा के लोग अंग्रेजी समझते है। एक देश और एक भाषा।जिसे सम्पर्क भाषा कहते है होनी चाहिए।जिसे पूरे देश के लोग समझ सके।हमारे देश मे असंख्य भाषा है।कहते है हर दस किलोमीटर पर भाषा ...और पढ़ेबदल जाती है।हिंदी के अलावाआ तमिल,कन्नड़,मलायलम,भोजपुरी,अवधी, असमिया,बंगला,गुजराती, सिंधी,उर्दू,पंजाबी,कश्मीरी,हरियाणवी,बुंदेली,आदि अनेक भाषा है।इन सबका उद्गम संस्कृत से है।अंग्रेजी विदेशी भाषा है। हमारे देश का दुर्भाग्य रहा कि हमारे देश के कर्णधारों ने हिंदी को सम्पर्क भाषा का दर्जा न देकर उसके साथ विदेशी भाषा अंग्रेजी को जोड़ दिया।ऐसा हिंदी विरोध का बहाना लेकर किया गया।जिस तरह धर्म और जाति में समाज बंटा कम पढ़ें पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें दक्षिण भारत और हिंदी अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी Kishanlal Sharma फॉलो