अंधा इश्क नंदलाल मणि त्रिपाठी द्वारा लघुकथा में हिंदी पीडीएफ होम किताबें हिंदी किताबें लघुकथा किताबें अंधा इश्क अंधा इश्क नंदलाल मणि त्रिपाठी द्वारा हिंदी लघुकथा 627 1.7k अंधा इश्क ---- पण्डित धरणीधर संभ्रांत ब्राह्मण जवार में बहुत इज़्ज़त थी उनकी उनके पास ईश्वर कि कृपा से क्या नही था ।एक भाई कालेज में प्रधानाचार्य खेती बारी कि कोई कमी नही पण्डित जी के परिवार का रसूख ...और पढ़ेपांच कोस में था दूसरा कोई ऐसा परिवार नही था जो पण्डित धरणीधर कि बराबरी तक करने कि सोच भी सके ।पण्डित जी को कुल चार औलादे थी तीन बेटियाँ एव एक बेटा पण्डित जी का गांव जनपद तहसील कस्बे से विल्कुल सटा हुआ था पण्डित जी अक्सर शाम बाज़ार में बैठते जब वह घर से बाहर निकलते तब उन्हें कम पढ़ें पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें अंधा इश्क अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी नंदलाल मणि त्रिपाठी फॉलो