मजबूरियाँ Pari Boricha द्वारा प्रेरक कथा में हिंदी पीडीएफ

मजबूरियाँ

Pari Boricha द्वारा हिंदी प्रेरक कथा

"मजबूरियाँ क्या कुछ नहीं करवाती हैं,साहब ! खेलने की उम्र में खिलौने भी छीन लेती हैं, साहब ! " यह कहानी उन गरीब बच्चों की है, जो बचपन में खेलने की बजाय मज़दूरी करते नज़र आते हैं । एक ...और पढ़े


अन्य रसप्रद विकल्प