दुर्गी Neerja Hemendra द्वारा फिक्शन कहानी में हिंदी पीडीएफ

दुर्गी

Neerja Hemendra मातृभारती सत्यापित द्वारा हिंदी फिक्शन कहानी

उसके हाथ-पैर काँप रहे थे। हाथ-पैर ही नही, पूरा शरीर काँप रहा था...... । स्वर तीव्र होते-होते गले में रूँध गये थे। तेज बोलना उसका स्वभाव नही था। आज सहसा चिल्लाने से उसका गला रूंध गया। वह इतनी दुर्बल ...और पढ़े


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