PAKSHPAAT book and story is written by Aman Kumar in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. PAKSHPAAT is also popular in Moral Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. पक्षपात Aman Kumar द्वारा हिंदी सामाजिक कहानियां 1 831 Downloads 2.1k Views Writen by Aman Kumar Category सामाजिक कहानियां पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण अमन कुमार त्यागी रामलाल की बेचैनी थमने का नाम नहीं ले रही थी। वह बहुत अधिक परेशान थे। रात्रि का मध्यकाल था और आँखों से नींद गायब थी। हाथ-पाँव काँप रहे थे। पूरा बदन पसीने से तर बतर था। फिर अचानक उन्हें सारा कमरा घूमता नजर आने लगा खिड़की दरवाज़े सब उनके चारों ओर किसी सौरमंडल के ग्रहों की तरह चक्कर लगा रहे थे। दीवार पर हाथ टिकाए वह अपने आपको भी हवा में घूमता हुआ अनुभव कर रहे थे। चंद सेकंड में ही उनकी आँखों में अँधेरा छाने लगा, तेज रोशनी के बावजूद उन्हें कुछ भी दिखाई देना More Likes This बेजुबान - 1 द्वारा Kishanlal Sharma खामोशी का रहस्य - 1 द्वारा Kishanlal Sharma अकेलापन जिंदगी - 1 द्वारा Wow Mission successful सनम बेवफा - 3 द्वारा Kishanlal Sharma धोखा या इश्क - 1 द्वारा aruhi कामवासना से प्रेम तक - भाग - 5 द्वारा सीमा कपूर My Devil Hubby Rebirth Love - 23 द्वारा Naaz Zehra अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी