वरदेखुआ book and story is written by Jitesh Pandey in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. वरदेखुआ is also popular in Moral Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. वरदेखुआ Dr. Suryapal Singh द्वारा हिंदी सामाजिक कहानियां 3 1k Downloads 2.9k Views Writen by Dr. Suryapal Singh Category सामाजिक कहानियां पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण वरदेखुआआज से कुछ वर्ष पहले वर खोजने के लिए प्रायः लोग समूहों में चलते- दस-पाँच, दो-चार के समूहों में। महीनों अपने नाते रिश्ते में घूमते हुए सभी की शादियाँ तय करके घर लौटते । कभी कभी पुरोहित भी यह काम करते। वर देखने वालों को ही वरदेखुआ कहा जाता है। जिनके घर भी पहुँचते, अच्छी तरह स्वागत होता। स्नेह भरे परिवेश में शादियां तय हो जातीं । अभिभावक की भूमिका प्रमुख होती। शादी के लिए यदि ज़बान दे दी जाती तो उसे निभाया जाता। आजकल वर देखने के ढंग भी बदल गए हैं। संचार सुविधाओं के कारण फोन या इंटरनेट More Likes This बेजुबान - 1 द्वारा Kishanlal Sharma खामोशी का रहस्य - 1 द्वारा Kishanlal Sharma अकेलापन जिंदगी - 1 द्वारा Wow Mission successful सनम बेवफा - 3 द्वारा Kishanlal Sharma धोखा या इश्क - 1 द्वारा aruhi कामवासना से प्रेम तक - भाग - 5 द्वारा सीमा कपूर My Devil Hubby Rebirth Love - 23 द्वारा Naaz Zehra अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी