Mukhya Dhara book and story is written by Yogesh Kanava in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Mukhya Dhara is also popular in Classic Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. मुख्यधारा Yogesh Kanava द्वारा हिंदी क्लासिक कहानियां 1k 1.9k Downloads 4.9k Views Writen by Yogesh Kanava Category क्लासिक कहानियां पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण बहुत दिनों से सन्देश कहीं जा नहीं पाया था। वो बस अपने ही कार्यालय की मारामारी में उलझा सा रह गया था।सन्देश जैसा घुम्मकड़ प्रवृति का व्यक्ति एक कुर्सी से बंधकररह जाये तो उसके भीतर की कुलबुलाहट का सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है।वो कई दिनों से इस कोलाहल से दूर निकलने की जुगत कर रहा था लेकिन हर बार दफ्तर के कामों के फेहरिस्त उसके सामने आ कड़ी होती थी।आज अचानक ही उसे एक निमंत्रण मिला था ,एक संगोष्ठी थी।विषय था बाज़ारवाद ,मुख्यधारा और आम आदमी।पहले तो उसने सोचा क्या करूँगा वहां जाकर।वही भाषणबाज़ी , वही आलाप और More Likes This Last Benchers - 1 द्वारा govind yadav जेन-जी कलाकार - 3 द्वारा Kiko Xoxo अंतर्निहित - 1 द्वारा Vrajesh Shashikant Dave वो जो मैं नहीं था - 1 द्वारा Rohan रुह... - भाग 7 द्वारा Komal Talati कश्मीर भारत का एक अटूट हिस्सा - भाग 1 द्वारा Chanchal Tapsyam बीते समय की रेखा - 1 द्वारा Prabodh Kumar Govil अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी