अग्निजा - 139 Praful Shah द्वारा फिक्शन कहानी में हिंदी पीडीएफ

अग्निजा - 139

Praful Shah मातृभारती सत्यापित द्वारा हिंदी फिक्शन कहानी

लेखक: प्रफुल शाह प्रकरण-139 ‘नहीं, मेरे अस्तित्व के साथ एकरूप हो चुकी, मुझमें समा चुकी केतकी सिर्फ मेरी है...मेरे अकेले की...पूरी तरह से... ’ ये शब्द केतकी के कानों से बार-बार टकरा रहे थे। इन्हें सुनकर उसके भीतर मीठी ...और पढ़े


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