Jankari Hi Bachav book and story is written by Aman Kumar in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Jankari Hi Bachav is also popular in Moral Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. जानकारी ही बचाव Aman Kumar द्वारा हिंदी सामाजिक कहानियां 1 993 Downloads 2.5k Views Writen by Aman Kumar Category सामाजिक कहानियां पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण अमन कुमार त्यागी नीता को मायके आए पूरे पाँच महीने बीत चुके थे। इतने दिन मायके में बिताना समाज मेें अच्छा नहीं माना जाता है। मुहल्ले की औरतों में कानाफूसी शुरू हो गई थी। कोई कहती- ‘देखा, वर्मानी ने कैसे अपनी धी को घर में रख रखा है। जब शर्मानी की लड़की की ससुराल में झगड़ा हुआ था तो इसी ने सबसे ज़्यादा फ़ज़ीहत की थी।’ कोई कहती- ‘नीता के ससुराल वाले भी अजीब हैं, पाँच महीने हो गए, कोई भी लेने नहीें आया।’ कोई कहती- ‘मुझे तो लग रहा है... कोई बड़ा लफड़ा हो गया है।’ कोई कहती- ‘शादी More Likes This कल्पतरु - ज्ञान की छाया - 3 द्वारा संदीप सिंह (ईशू) क्या तुम मुझे छोड़ दोगे - भाग - 1 द्वारा Ratna Pandey CM: The untold story - 1 द्वारा Ashvin acharya खेल खेल में - जादूई - भाग 3 द्वारा Kaushik Dave पीड़ा में आनंद - भूमिका द्वारा Ashish Kumar Trivedi एक समय ऐसा भी आएगा - 1 द्वारा Wow Mission successful रौशन राहें - भाग 1 द्वारा Lokesh Dangi अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी