pawhari baba book and story is written by Praveen Kumrawat in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. pawhari baba is also popular in Spiritual Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. पवहारी बाबा Praveen kumrawat द्वारा हिंदी आध्यात्मिक कथा 6 1.3k Downloads 4.1k Views Writen by Praveen kumrawat Category आध्यात्मिक कथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण परमहंस रामकृष्ण के तिरोधान के पश्चात् विवेकानन्द का मन बहुत अशान्त हो गया था। अपने जीवन काल में रामकृष्ण देव बराबर उनका मार्ग दर्शन करते थे। अब वह सहारा नहीं रहा। फलतः जब स्वामी विवेकानन्द जी का मन उखड़ता तब वे आश्रम से कहीं चले जाते थे। जाते समय गुरु भाइयों से कहते–“अब आश्रम में वापस नहीं आऊँगा। यही आखिरी है।” लेकिन उनका यह निश्चय खण्डित हो जाता था। कुछ दिन इधर-उधर बिताकर पुनः वापस आ जाते थे।सन् १८८८ ई० के दिनों उन्होंने निश्चय किया कि बेकार इधर-उधर समय नष्ट करने की अपेक्षा तीर्थाटन करूँ तीर्थाटन के बारे में उन्होंने More Likes This बुजुर्गो का आशिष - 3 द्वारा Ashish स्पंदन - 1 द्वारा Madhavi Marathe भगवान् के चौबीस अवतारों की कथा -8 द्वारा Renu चैनल की डिश वाला भूत द्वारा Aariz Billan आत्मज्ञान की यात्रा - सारांश द्वारा atul nalavade मानव भेड़ियाँ और रोहिणी - 1 द्वारा Sonali Rawat पावागढ़ मंदिर - भाग 1 द्वारा Neelam Kulshreshtha अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी