Parinda book and story is written by sadik khan in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Parinda is also popular in Poems in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. परिंदा sadik khan द्वारा हिंदी कविता 1 1.6k Downloads 4.9k Views Writen by sadik khan Category कविता पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण कुछ दुआ तो कुछ बधदुआओं ने मारा मुझे तो इस शहर की हवाओ ने मारा जो कुछ रहे गया था बाकी मुझमें वो सब हसीना की बलाओं ने मारा वो देखकर अक्सर मुस्कुरा दिया करता है कुछ तो हमें उसकी इन अदाओं ने मारा ना है जहा में अपन घर कोई ना है जहा को अपनी खबर कोई ना है कोई पीछे रोने वाला ना है अपनी मौत का डर कोई कहा जाना है कब जाना है क्यू जाना है ना मंजिल हैं ना है सफर कोई कभी किसी ने कहा More Likes This मी आणि माझे अहसास - 98 द्वारा Darshita Babubhai Shah लड़के कभी रोते नहीं द्वारा Dev Srivastava Divyam जीवन सरिता नोंन - १ द्वारा बेदराम प्रजापति "मनमस्त" कोई नहीं आप-सा द्वारा उषा जरवाल कविता संग्रह द्वारा Kaushik Dave मेरे शब्दों का संगम द्वारा DINESH KUMAR KEER हाल ए दिल द्वारा DINESH KUMAR KEER अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी