अनोखा प्रस्ताव - 2 (अंतिम) Kishanlal Sharma द्वारा सामाजिक कहानियां में हिंदी पीडीएफ होम किताबें हिंदी किताबें सामाजिक कहानियां किताबें अनोखा प्रस्ताव - 2 (अंतिम) अनोखा प्रस्ताव - 2 (अंतिम) Kishanlal Sharma द्वारा हिंदी सामाजिक कहानियां 540 1.2k शेखर के उतेजित होने पर भी वर्षा ने उसकी बात का जवाब शांत स्वर में दिया था"क्या कह रही हो डार्लिंग?"गिरगिट की तरह रंग बदलते हुए वर्षा की तरफ खिसकते हुए प्यार से बोला।"सच कह रही हूँ।तुम अपनी कमी ...और पढ़ेहुए भी मुझे धोखा देने का प्रयास करते रहे।""यह झूठ है।जरूर तुम्हे कोई गलतफहमी हुई है।""पहले मैने भी इसे अपना भरम ही समझा था।पर जल्दी ही मेरा भरम विश्वास में बदल गया।फिर भी मैं चुप रही।""तुम मुझ पर झूंठा इल्जाम लगा रही हो।""यह इल्जाम नही हकीकत है।"वर्षा बोली"तुमने अपनी शारिरिक अक्षमता दूर करने के लिये शराब का सहारा लिया।शराब भी कम पढ़ें पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें अनोखा प्रस्ताव - 2 (अंतिम) अनोखा प्रस्ताव - उपन्यास Kishanlal Sharma द्वारा हिंदी - सामाजिक कहानियां 1.2k 2.8k Free Novels by Kishanlal Sharma अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी Kishanlal Sharma फॉलो