Mera Swabhav book and story is written by Rudra Sanjay Sharma in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Mera Swabhav is also popular in Philosophy in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. मेरा स्वभाव Rudra S. Sharma द्वारा हिंदी मनोविज्ञान 2 2.8k Downloads 8.3k Views Writen by Rudra S. Sharma Category मनोविज्ञान पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण मन का जीना ही सात चक्रों में होश अर्थात् जीवन का होना हैं और मन की अंतिम मृत्यु ही एक मात्र यथार्थ मुक्ति।होश का मन में वहाँ होना जहाँ भौतिक शारीरिक इच्छायें रखी हुयी हैं इस बात को बताता हैं कि ऊर्जा मूलाधार चक्र पर हैं।यदि भौतिक शरीरिक इच्छायें सक्रिय हैं अर्थात् मूलाधार चक्र में सक्रियता हैं।यदि भौतिक शरीरिक इच्छायें असंतुलित हैं अर्थात् मूलाधार चक्र में असंतुलितता हैं।यदि भौतिक शरीरिक इच्छायें संतुलित हैं अर्थात् मूलाधार चक्र में संतुलितता हैं। होश का मन में वहाँ होना जहाँ भावनात्म शारीरिक इच्छायें रखी हुयी हैं इस बात को बताता हैं कि ऊर्जा स्वाधिष्ठान More Likes This Successful MAD Tips द्वारा Ashish भय - भाग 1 द्वारा नंदलाल मणि त्रिपाठी सबा - 1 द्वारा Prabodh Kumar Govil चुप्पियों का कथाकार - अर्नेस्ट हेमिंग्वे द्वारा Dr Jaya Shankar Shukla जागृति आवाहन द्वारा Rudra S. Sharma जीवन कैसे जिएं? - 1 द्वारा Priyanshu Jha VIRUS द्वारा ANKIT YADAV अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी