Mamta ki Pariksha - 116 book and story is written by राज कुमार कांदु in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Mamta ki Pariksha - 116 is also popular in Fiction Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. ममता की परीक्षा - 116 राज कुमार कांदु द्वारा हिंदी फिक्शन कहानी 4 990 Downloads 2.4k Views Writen by राज कुमार कांदु Category फिक्शन कहानी पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण तेज कदमों से अमर चौराहे की तरफ बढ़ता जा रहा था। बिरजू उसकी बात मानकर वापस घर पर लौट आया था। लगभग दस मिनट में अमर चौराहे पर पहुँच गया। वहाँ से शहर की तरफ जानेवाली कच्ची सड़क पर वह दायीं तरफ मुड़ गया। सड़क सुनसान थी। इक्का दुक्का बाइक वाले शहर की दिशा में भागे जा रहे थे। उन सबसे बेखबर अमर निकल पड़ा पैदल ही शहर की तरफ। अभी कुछ कदम ही आगे बढ़ा होगा कि पीछे से कार के हॉर्न की आवाज सुनकर चौंक पड़ा। पलट कर पीछे देखा। कार का दरवाजा खोलकर बिरजू निचे उतर रहा अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी