हां भगवान, मैं डरता हूं। Tarkeshwer Kumar द्वारा कविता में हिंदी पीडीएफ होम किताबें हिंदी किताबें कविता किताबें हां भगवान, मैं डरता हूं। Yes God, I am afraid. book and story is written by Tarkeshwer Kumar in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Yes God, I am afraid. is also popular in Poems in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. हां भगवान, मैं डरता हूं। Tarkeshwer Kumar द्वारा हिंदी कविता 1.5k 4.7k डर क्या हैं?सही मायने में कहूं तो हर बार, डर का दायरा इंसान खुद पैदा नहीं करता हैं। हालात, किस्मत, कुछ अपने, कुछ पराए और ये दुनियां वाले डर का माहौल पैदा कर देते हैं। पर इंसान सबसे ज्यादा ...और पढ़ेहैं अपने अतीत से, अपने आने वाले भविष्य से और चल रहें अपने वर्तमान से। इंसान कितना ही वीर क्यों ना हो पर एक ना एक डर उसके जीवन में भी होता हैं।कुछ पंक्तियां डर के लिए। इन पंक्तियों में "मै" शब्द का उपयोग हर उस इंसान के लिए हैं जो डरता हैं। हां भगवान मैं डरता हूं।वो सोचते हैं कम पढ़ें पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें हां भगवान, मैं डरता हूं। अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी