Apang - 67 book and story is written by Pranava Bharti in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Apang - 67 is also popular in Fiction Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. अपंग - 67 Pranava Bharti द्वारा हिंदी फिक्शन कहानी 1 1k Downloads 2.6k Views Writen by Pranava Bharti Category फिक्शन कहानी पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण 67 ------ अपने पति के गुज़र जाने के बाद लाखी यहीं माँ -बाबा के पास रहने लगी थी | वह उन दोनों का सगी बेटी की तरह ध्यान रखती और पढ़ाई करती | भानु माँ से उसका पूरा ध्यान रखने को कहकर गई थी और उसे पढ़ाई भी करनी है, यह बात उसे अच्छी तरह समझा गई थी | लाखी उसकी इतनी अपनी थी कि उसने कभी उसका कहना नहीं टाला | उसे मालूम था कि भानु दीदी कभी उसका साथ नहीं छोड़ सकती | अगर उसका कोई है तो भानु दीदी ही हैं | वह खूब मन से पढ़ाई अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी