Yakshini ek dayan - 3 book and story is written by Makvana Bhavek in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Yakshini ek dayan - 3 is also popular in Fiction Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
यक्षिणी एक डायन - 3
Makvana Bhavek
द्वारा
हिंदी फिक्शन कहानी
Three Stars
28.7k Downloads
38k Views
विवरण
बूढ़ा युग के सवाल का जवाब देते हुए कहता है – "नहीं बिटुआ यक्षिणी अब मर्दो को अपना शिकार नहीं बनाती।""क्यों बाबा,क्या यक्षिणी यहाँ से चली गयी है जो अब वो अपना मर्दो को शिकार नहीं बनाती है?"वो बूढा युग के पास जाते हुए कहता है – "वो गयी नहीं है, शांत हो गयी है।""शांत हो गयी है मतलब?""मतलब यह कि आज से तेरह साल पहले उस ग्रेव्यार्ड कोठी में एक लेखक बाबू रहते थे। उन लेखक बाबू को ही उस यक्षिणी ने अपना आखिरी शिकार बनाया था। तुम्हें पता है लेखक बाबू की किसी को लाश तक नहीं मिली
रात के दो बज रहे थे और विराट मेघालय और असम बॉर्डर के बीच पड़ने वाली किशनोईनदी पार कर रहा था। दूर-दूर तक अंधेरा छाया हुआ था। एक गहरे सन्नाटे नेकिशनोई नद...
More Likes This
अन्य रसप्रद विकल्प
- हिंदी लघुकथा
- हिंदी आध्यात्मिक कथा
- हिंदी फिक्शन कहानी
- हिंदी प्रेरक कथा
- हिंदी क्लासिक कहानियां
- हिंदी बाल कथाएँ
- हिंदी हास्य कथाएं
- हिंदी पत्रिका
- हिंदी कविता
- हिंदी यात्रा विशेष
- हिंदी महिला विशेष
- हिंदी नाटक
- हिंदी प्रेम कथाएँ
- हिंदी जासूसी कहानी
- हिंदी सामाजिक कहानियां
- हिंदी रोमांचक कहानियाँ
- हिंदी मानवीय विज्ञान
- हिंदी मनोविज्ञान
- हिंदी स्वास्थ्य
- हिंदी जीवनी
- हिंदी पकाने की विधि
- हिंदी पत्र
- हिंदी डरावनी कहानी
- हिंदी फिल्म समीक्षा
- हिंदी पौराणिक कथा
- हिंदी पुस्तक समीक्षाएं
- हिंदी थ्रिलर
- हिंदी कल्पित-विज्ञान
- हिंदी व्यापार
- हिंदी खेल
- हिंदी जानवरों
- हिंदी ज्योतिष शास्त्र
- हिंदी विज्ञान
- हिंदी कुछ भी
- हिंदी क्राइम कहानी