ऐसा क्यों ? - 4 - फूल बत्ती और लंबी बत्ती कब जलानी चाहिए ? Captain Dharnidhar द्वारा कल्पित-विज्ञान में हिंदी पीडीएफ होम किताबें हिंदी किताबें कल्पित-विज्ञान किताबें ऐसा क्यों ? - 4 - फूल बत्ती और लंबी बत्ती कब जलानी चाहिए ? ऐसा क्यों ? - 4 - फूल बत्ती और लंबी बत्ती कब जलानी चाहिए ? Captain Dharnidhar द्वारा हिंदी कल्पित-विज्ञान 2.8k 7.1k आजकल दीपक जलाने की बात होती है तो फूल बत्ती या लंबी बत्ती मे कोई भेद न मानते हुए कोई भी बत्ती जलादी जाती है । दीप ज्योति का महत्व- दीपक प्रज्वलित करने के लिए एक वैदिक मंत्र अक्षर ...और पढ़ेजाता है " ऊं अग्निर्ज्योति: ज्योतिरग्नि स्वाहा सूर्यो ज्योति: ज्योति: सूर्यो स्वाहा ....... इस मंत्र का भावार्थ है कि अग्नि तत्व का प्रतीक ज्योति है और ज्योति ही अग्नि है ,ज्योति ही सूर्य है और सूर्य ही ज्योति है । अर्थात इससे हमे समझ मे आजाता है कि पांच तत्वों मे अग्नि का महत्व हमारे जीवन मे बहुत बड़ा है कम पढ़ें पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें ऐसा क्यों ? - 4 - फूल बत्ती और लंबी बत्ती कब जलानी चाहिए ? ऐसा क्यों ? - उपन्यास Captain Dharnidhar द्वारा हिंदी - कल्पित-विज्ञान (45) 13.6k 29.3k Free Novels by Captain Dharnidhar अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी Captain Dharnidhar फॉलो