नामालूम सी ख़ता Saroj Verma द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ होम किताबें हिंदी किताबें प्रेम कथाएँ किताबें नामालूम सी ख़ता नामालूम सी ख़ता Saroj Verma द्वारा हिंदी प्रेम कथाएँ 804 2.2k गर्मी के दिन थे. बादशाह ने उसी फागुन में सलीमा से नई शादी की थी. सल्तनत के झंझटों से दूर रहकर नई दुल्हन के साथ प्रेम और आनंद की कलोल करने वे सलीमा को लेकर कश्मीर के दौलतख़ाने में ...और पढ़ेआए थे. रात दूध में नहा रही थी. दूर के पहाड़ों की चोटियां बर्फ से सफ़ेद होकर चांदनी में बहार दिखा रही थीं. आरामबाग़ के महलों के नीचे पहाड़ी नदी बल खाकर बह रही थी. मोतीमहल के एक कमरे में शमादान जल रहा था और उसकी खुली खिड़की के पास बैठी सलीमा रात का सौंदर्य निहार रही थी. खुले हुए कम पढ़ें पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें नामालूम सी ख़ता अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी Saroj Verma फॉलो