परामनोविज्ञान अवैज्ञानिक क्यों ?? गायत्री शर्मा गुँजन द्वारा कल्पित-विज्ञान में हिंदी पीडीएफ होम किताबें हिंदी किताबें कल्पित-विज्ञान किताबें परामनोविज्ञान अवैज्ञानिक क्यों ?? परामनोविज्ञान अवैज्ञानिक क्यों ?? गायत्री शर्मा गुँजन द्वारा हिंदी कल्पित-विज्ञान 1.7k 6.5k इस विषय पर कोई भी विचार रखने से पहले मैं यह स्पष्ट करूँगी कि परामनोविज्ञान parapsychology यह psychology से match नहीं करता और कोई relevent भी नहीं है क्योंकि.... psychology, scientific research पर based है तो दूसरी ...और पढ़ेparapsychology इस material world से अलग एक दूसरी दुनिया का subject है जैसे भूत-प्रेत , आत्मा की दुनिया , किसी घटना के घटित होने का पूर्वाभास होना इत्यादि !यही वजह है कि कानूनी तौर पर यह विषय एक debate है मान्यता नहीं है , अंधविश्वास से ज्यादा तवज्जो नही है और पैरानॉर्मल एक्सपर्ट्स को गुमराह करने और गुमराह रहने वाले व्यक्ति कम पढ़ें पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें परामनोविज्ञान अवैज्ञानिक क्यों ?? अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी गायत्री शर्मा गुँजन फॉलो