कहानी "दाल, रोटी और प्रभु" में दाल-रोटी और प्रभु के बीच के संबंध को दर्शाया गया है। यह संबंध इतना पुराना है कि जहां दाल-रोटी होती है, वहां प्रभु की याद आती है। लेकिन समय के साथ लोग प्रभु को भूलने लगे हैं और फास्ट फूड के चक्कर में दाल-रोटी को नजरअंदाज कर रहे हैं। प्रभु को चिंता होने लगती है कि कहीं भक्त आत्मनिर्भर होकर प्रभु के गुण गाना ही भूल गए हैं। प्रभु वस्तुस्थिति जानने के लिए disguising होकर धरती पर जाते हैं और देखते हैं कि बाजार में दालें महंगी हो गई हैं और कोई भी प्रभु का नाम लेते नहीं दिखता। एक गरीब व्यक्ति की दयनीय स्थिति देखकर प्रभु को दया आती है। वह व्यक्ति दाल-रोटी का जुगाड़ मांगता है, लेकिन प्रभु उसे यह बताते हैं कि एक बोरी दाल लाना मुश्किल है और इसके लिए उनके पास लाइसेंस नहीं है। आखिरकार, व्यक्ति सोने-चांदी की बजाय दाल-रोटी की मांग करता है, यह दर्शाते हुए कि भौतिक संपत्ति से ज्यादा महत्वपूर्ण है रोजी-रोटी। कहानी यह सिखाती है कि असली जरूरतें क्या हैं और प्रभु की उपस्थिति का अर्थ क्या होता है। दाल, रोटी और प्रभु Surjeet Singh द्वारा हिंदी लघुकथा 3.3k 1.5k Downloads 6.7k Views Writen by Surjeet Singh Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण Daal Roti Aura Prabhu More Likes This नौकरी द्वारा S Sinha रागिनी से राघवी (भाग 1) द्वारा Asfal Ashok अभिनेता मुन्नन द्वारा Devendra Kumar यादो की सहेलगाह - रंजन कुमार देसाई (1) द्वारा Ramesh Desai मां... हमारे अस्तित्व की पहचान - 3 द्वारा Soni shakya शनिवार की शपथ द्वारा Dhaval Chauhan बड़े बॉस की बिदाई द्वारा Devendra Kumar अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी