पेशी नम्बर 68 - 2 Laxman gour Gour द्वारा थ्रिलर में हिंदी पीडीएफ होम किताबें हिंदी किताबें थ्रिलर किताबें पेशी नम्बर 68 - 2 पेशी नम्बर 68 - 2 Laxman gour Gour द्वारा हिंदी थ्रिलर 354 861 - यह लड़ाई केवल एक हरदेव सिंह की नहीं है,न जाने कितने ईमानदार हरदेव सिंह बेईमान और भ्रष्टाचारों की बलि का बकरा बन जाते हैं। मैं उन सभी ईमानदार ऑफिसर की तरफ से....... " अचानक से यशोदा अपनी कुर्सी ...और पढ़ेखड़ी होती है।पूरा खड़ा होने से पहले ही लड़खड़ा जाति है।और उसका एक हाथ हर्षवर्धन बाबू के सामने रखे पानी के गिलास से टकराता है। गिलास नीचे गिरता है। आधा पानी वकील बाबू की गोद में और आधा फर्श पर बिखर जाता है कांच का गिलास भी टूट कर बिखर जाता है। जितने भी व्यक्ति ऑफिस में मौजूद होते हैं। कम पढ़ें पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें पेशी नम्बर 68 - 2 पेशी नम्बर 68 - उपन्यास Laxman gour Gour द्वारा हिंदी - थ्रिलर 1.2k 3.2k Free Novels by Laxman gour Gour अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी उपन्यास प्रकरण हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी Laxman gour Gour फॉलो