मूंछों वाली अम्मा Rama Sharma Manavi द्वारा सामाजिक कहानियां में हिंदी पीडीएफ होम किताबें हिंदी किताबें सामाजिक कहानियां किताबें मूंछों वाली अम्मा मूंछों वाली अम्मा Rama Sharma Manavi द्वारा हिंदी सामाजिक कहानियां 468 1.4k आज से लगभग 50 वर्ष पूर्व जब मैं विवाहोपरांत ससुराल पहुंची थी तो सास के बाद सर्वप्रथम परिचय मलकिन से ही हुआ था।वैसे तो वे रिश्ते में मेरी तयेरी जिठानी लगती थीं, लेकिन मेरी सासुमां से केवल 7-8 वर्ष ...और पढ़ेछोटी थीं।उस जमाने में सास-बहू की डिलिवरी साथ -साथ होना सामान्य बात थी।मात्र 14 वर्ष की उम्र में जब वे ब्याह कर आईं थीं, उसी समय मेरे पति का जन्म हुआ था।14 साल की अल्हड़ सी उम्र में कहाँ गम्भीरता होती है, मेरी सास ने बड़ी बहन की तरह उन्हें अपने स्नेह की छत्रछाया में छिपा लिया था।उनका नाम था कम पढ़ें पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें मूंछों वाली अम्मा अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी Rama Sharma Manavi फॉलो