बुआ--(विजय शर्मा की कहानी) Saroj Verma द्वारा महिला विशेष में हिंदी पीडीएफ होम किताबें हिंदी किताबें महिला विशेष किताबें बुआ--(विजय शर्मा की कहानी) Bua--(Story of Vijay Sharma) book and story is written by Saroj Verma in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Bua--(Story of Vijay Sharma) is also popular in Women Focused in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. बुआ--(विजय शर्मा की कहानी) Saroj Verma द्वारा हिंदी महिला विशेष 2.1k 4.7k विजय शर्मा याद नहीं पड़ता उसने कभी मुझे प्यार किया हो, कभी दुलारा हो, पुचकारा हो. हमेशा दुत्कारा था मुझे उसने. मैं उसकी झिड़कियों की आदी हो गई थी. दिन में कम-से-कम तीन-चार बार वह मेरे लिए अवश्य कहती ...और पढ़ेक्यों न गई पैदा होते ही?', `तू पैदा ही क्यों हुई?', `हे भगवान! क्या होगा इसका!' मैं इतनी ढ़ीठ, इतनी बेहया हो गई थी कि उसके कोसने का इंतजार करती. सूरज पश्चिम से निकल आए पर उसका कोसना नहीं रुक सकता था. उसका स्वभाव ही चिड़चिड़ा था, दिन भर भुनभुनाती रहती, दूसरों के काम में नुक्स निकालती रहती. कभी मेहतरानी कम पढ़ें पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें बुआ--(विजय शर्मा की कहानी) अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी