अनसुलझा प्रश्न (भाग 15) किशनलाल शर्मा द्वारा लघुकथा में हिंदी पीडीएफ होम किताबें हिंदी किताबें लघुकथा किताबें अनसुलझा प्रश्न (भाग 15) अनसुलझा प्रश्न (भाग 15) किशनलाल शर्मा द्वारा हिंदी लघुकथा 333 834 47--पागल"हमे पापा की सम्पत्ति में से कुछ नही मिलेगा",प्रवीणा बोली,"बाप के मरने के बाद सब कुछ उस पागल का हो जाएगा।"हरबंस के दो बेटियां प्रवीणा और रंजीता और एक बेटा बलवंत था।हरबंस की पत्नी का देहांत हो चुका था। ...और पढ़ेऔर रंजीता ने पिता की मर्जी के खिलाफ प्रेम विवाह किया था।इसलिए हरबंस ने दोनों बेटियों से रिश्ता तोड़ लिया था।बलवंत विकलांग होने के साथ साथ मंद बुद्धि भी था।हरबंस चाहता था कि उसके मरने के बाद बेटे को कोई परेशानी न हो।इसलिए वह अपने बेटे के नाम वसीयत करना चाहता था।पिता के वसीयत करने की भनक प्रवीणा और रंजीता कम पढ़ें पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें अनसुलझा प्रश्न (भाग 15) अनसुलझा प्रश्न - उपन्यास किशनलाल शर्मा द्वारा हिंदी - लघुकथा (14) 10.2k 26.5k Free Novels by किशनलाल शर्मा अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी उपन्यास प्रकरण हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी किशनलाल शर्मा फॉलो