अनसुलझा प्रश्न (भाग 13) किशनलाल शर्मा द्वारा लघुकथा में हिंदी पीडीएफ होम किताबें हिंदी किताबें लघुकथा किताबें अनसुलझा प्रश्न (भाग 13) अनसुलझा प्रश्न (भाग 13) किशनलाल शर्मा द्वारा हिंदी लघुकथा 354 783 39--व्यापरवह एक सरकारी अस्पताल में डॉक्टर था।नियम के अनुसार वह प्राइवेट प्रेक्टिस नही कर सकता था।लेकिन उसने अपना निजी क्लिनिक खोल रखा था।वह रोज अस्पताल एक दो घण्टे लेट पहुंचता और व्यस्तता का ढोंग करके अपने चेम्बर में बैठा ...और पढ़ेपर बाते करता रहता।मरीजो को दूसरे डॉक्टरों के पास टरकाना उसे खूब अच्छी तरह आता था।जिन थोड़े से मरीजो को वह देखता उन्हें बुरी तरह डांटता फटकारता।अगर कोई मरीज गलती से कह देता,"डॉक्टर साहिब अच्छी तरह जांच करके दवा लिख दे"तो वह बुरी तरह उखड़ जाता,"तेरे बाप का नौकर हूँ क्या?"शाम को अपने क्लिनिक में बैठने पर उसका व्यहार बिल्कुल कम पढ़ें पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें अनसुलझा प्रश्न (भाग 13) अनसुलझा प्रश्न - उपन्यास किशनलाल शर्मा द्वारा हिंदी - लघुकथा (14) 10.2k 26.5k Free Novels by किशनलाल शर्मा अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी उपन्यास प्रकरण हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी किशनलाल शर्मा फॉलो