my thoughts on self reliant india book and story is written by Jatin Tyagi in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. my thoughts on self reliant india is also popular in Moral Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. आत्मनिर्भर भारत पर मेरे विचार Jatin Tyagi द्वारा हिंदी सामाजिक कहानियां 1 1.8k Downloads 5.8k Views Writen by Jatin Tyagi Category सामाजिक कहानियां पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण प्रस्तावना:आत्मनिर्भर होना एक युवा के साथ साथ एक देश और राज्य के लिए भी होना बहुत ही जरूरी है। क्योंकि जब देश आत्मनिर्भर होगा तो वह हमेशा ही अपने विकास के रास्ते पर नये कदम लेता रहेगा और उसे किसी भी अन्य पर निर्भर होने की आवश्यकता नहीं रहेगी। आत्म निर्भर भारत:वर्तमान वैश्वीकरण के युग में आत्मनिर्भरता की परिभाषा में बदलाव आया है। आत्मनिर्भरता, आत्मकेंद्रित से अलग है। भारत ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ की संकल्पना में विश्वास करता है। चूँकि भारत दुनिया का ही एक हिस्सा है, अतः भारत प्रगति करता है तो ऐसा करके वह दुनिया की प्रगति में भी योगदान More Likes This बेजुबान - 1 द्वारा Kishanlal Sharma खामोशी का रहस्य - 1 द्वारा Kishanlal Sharma अकेलापन जिंदगी - 1 द्वारा Wow Mission successful सनम बेवफा - 3 द्वारा Kishanlal Sharma धोखा या इश्क - 1 द्वारा aruhi कामवासना से प्रेम तक - भाग - 5 द्वारा सीमा कपूर My Devil Hubby Rebirth Love - 23 द्वारा Naaz Zehra अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी