निजी स्कूलों के अध्यापकों का दर्द - एक नजर Ranjana Jaiswal द्वारा मानवीय विज्ञान में हिंदी पीडीएफ होम किताबें हिंदी किताबें मानवीय विज्ञान किताबें निजी स्कूलों के अध्यापकों का दर्द - एक नजर निजी स्कूलों के अध्यापकों का दर्द - एक नजर Ranjana Jaiswal द्वारा हिंदी मानवीय विज्ञान 378 1.1k वर्तमान समाज में यदि कोई सबसे दयनीय प्राणी है तो वह है अध्यापक |और अगर वह किसी निजी स्कूल का हुआ तो और भी |वह इतना दबाव झेलता है कि क्या कहें ?एक तो स्कूल प्रबंधन का दबाव ,दूसरे ...और पढ़ेका ,ऊपर से आज के अनुशासन हीन बच्चे !इतना ही क्यों वर्तमान सरकार भी अध्यापकों पर निरंतर दबाव बनाती जा रही है |बच्चों के पक्ष में बने क़ानूनों ने बच्चों की स्थिति जितनी मजबूत की है ,अध्यापकों की उतनी ही कमजोर |बिगड़ैल बच्चे अपने पक्ष में बने क़ानूनों का बेजा फायदा उठाने में उस्ताद होते जा रहे हैं |वे कक्षा कम पढ़ें पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें निजी स्कूलों के अध्यापकों का दर्द - एक नजर अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी उपन्यास प्रकरण हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी Ranjana Jaiswal फॉलो