Chhal - 18 book and story is written by Sarvesh Saxena in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Chhal - 18 is also popular in Moral Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
छल - Story of love and betrayal - 18
Sarvesh Saxena द्वारा हिंदी सामाजिक कहानियां
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विवरण
आठ महीने बाद…. एक बैंक में |बैंककर्मी (प्रेरित से) - "कहिए सर, मैं आपकी क्या मदद कर सकता हूं" |प्रेरित (बदले वेश में) - "जी, आपकी ब्रांच में मेरे अंकल मिस्टर रंजन का लॉकर है, उसे ऑपरेट करना था, उनकी मौत काफी साल पहले हो गई थी पर मुझे टाइम नहीं मिला आने का" |बैंककर्मी - "ओके.. आपके पास उस लॉकर की पासवर्ड की तो होगी "|प्रेरित - " जी, मेरे पास है" |बैंककर्मी - "आइए" |प्रेरित अब अपनी पहचान बदलकर आठ महीने बाद पैसों की तलाश में अपने चाचा के लॉकर को चेक करने आया था, आठ महीने तक,
"अरे वर्मा जी कुछ लीजिए ना, और आपकी ग्लास और प्लेट तो दोनों खाली हैं, क्या वर्मा जी आप तो ना ही शरमायें" ।
मिसेज़ शर्मा ने वर्मा जी से दोस्ता...
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