कुछ बंधन ऐसे भी हुआ करते है।। Aziz द्वारा कविता में हिंदी पीडीएफ होम किताबें हिंदी किताबें कविता किताबें कुछ बंधन ऐसे भी हुआ करते है।। कुछ बंधन ऐसे भी हुआ करते है।। Aziz द्वारा हिंदी कविता 537 1.9k कुछ बंधन ऐसे भी हुआ करते है।।जो प्यारे से जज़्बात से जुड़े,ओर महोब्बत तक का सफर तय करते है।कुछ बंधन ऐसे भी हुआ करते है।।जो उम्मीद बने तब जब रब भी तुमसे रूठे,हाथ थामे तुम्हारा तो उम्मीद बाँधा करते ...और पढ़ेबंधन ऐसे भी हुआ करते है।।रूठ ले पूरी दुनिया फिर भी कोई फर्क नही,पर उसके रूठने से हम खुद से नाराज हुआ करते है।कुछ बंधन ऐसे भी हुआ करते है।।हँसने का चाहे मन न हो फिर भी अपनी,एक मुस्कान से मेरे होंठो पे हँसी लाया करते है।कुछ बंधन ऐसे भी हुआ करते है।।याद कभी न रही दुनिया और, उसे कभी कम पढ़ें पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें कुछ बंधन ऐसे भी हुआ करते है।। अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी उपन्यास प्रकरण हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी Aziz फॉलो