Kartvya - 14 book and story is written by Asha Saraswat in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Kartvya - 14 is also popular in Moral Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. कर्तव्य - 14 Asha Saraswat द्वारा हिंदी सामाजिक कहानियां 3 2k Downloads 5k Views Writen by Asha Saraswat Category सामाजिक कहानियां पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण कर्तव्य (14) दो बहिनों का घर बड़े भैया के शहर के ही पास था, भाई-बहन का त्योहार रक्षाबंधन,भैया दौज और अन्य त्यौहारों पर वह ज़रूर जाते ।उनके घर में सभी उनके आने पर बहुत खुश होते । सभी बच्चे ज़िद करते और करते “बाबा आज हमारे घर रुक जाओ” तो वह कहते“नहीं आज नहीं फिर कभी तुम्हारे पास रुक जाऊँगा, भाभीजी इंतज़ार कर रहीं होंगी । धीरे-धीरे उनका मन लग रहा था और भाभीजी उनका बहुत ख़्याल रखतीं । जब काम पर से आने में देर हो Novels कर्तव्य व्यक्ति को अपने जीवन में माता-पिता,भाई -बहन का ध्यान रखना चाहिए; जब शादी हो जाये तो जीवन पर्यंत जीवन साथी का पूरा ध्यान और भरणपोषण करना चाहिए।जब बच्चे... More Likes This बेजुबान - 1 द्वारा Kishanlal Sharma खामोशी का रहस्य - 1 द्वारा Kishanlal Sharma अकेलापन जिंदगी - 1 द्वारा Wow Mission successful सनम बेवफा - 3 द्वारा Kishanlal Sharma धोखा या इश्क - 1 द्वारा aruhi कामवासना से प्रेम तक - भाग - 5 द्वारा सीमा कपूर My Devil Hubby Rebirth Love - 23 द्वारा Naaz Zehra अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी