तेरे लिए Vikas Mishra द्वारा कविता में हिंदी पीडीएफ होम किताबें हिंदी किताबें कविता किताबें तेरे लिए तेरे लिए Vikas Mishra द्वारा हिंदी कविता 816 2.6k 1.कसकमेरे शब्दों में शायद कोई महक न होती ग़र उसमे तेरे दूर होने की कसक न होती न चमकता चाँद, रातों को तनहा आवारा तुझसे मिलने की उसमे ग़र लहक न होती न मिलती मेरी ग़ज़लों की सूरत तुझसे ...और पढ़ेपैबश्त उसमे तेरे यादों की खनक न होती 2.सपनों को सजा लूँहथेली पर मुठ्ठी भर सूरज छिपा लूँ,चाँदनी थोड़ी सी पलकों पर बिछा लूँ ,इत्मिनान से खोलना तुम अपनी आँखें,मैं ज़रा सपनों को क़रीने से सजा लूँ lशबनम की बूँदों से दरिया बना लूँ तेरे ज़िक्र को उसका किनारा बना लूँ ज़रा हलके से कम पढ़ें पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें तेरे लिए अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी उपन्यास प्रकरण हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी Vikas Mishra फॉलो