Rupaye, Pad aur Bali - 4 book and story is written by S Bhagyam Sharma in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Rupaye, Pad aur Bali - 4 is also popular in Detective stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
रुपये, पद और बलि - 4
S Bhagyam Sharma
द्वारा
हिंदी जासूसी कहानी
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विवरण
अध्याय 4 ऑटो ड्राइवर इंस्पेक्टर को देखते ही भव्यता से खड़े हुए। इंस्पेक्टर ने पूछा "कितनी देर से.... यहां खड़े हो?" "आधे घंटे से खड़े हैं सर ?" "15 मिनट पहले इस तरफ से कोई भागकर आया क्या ?" "आदमी कैसा था बता सकते हैं क्या सर ?" "कॉलेज के लड़कों जैसे दिख रहा था, आंखों में धूप का चश्मा लगाया हुआ था।" एक ऑटो ड्राइवर ने आश्चर्य से चिल्लाया। "अरे.... वह अपने गोविंद के गाड़ी में बैठ कर गया था ना। चौखाने वाला शर्ट पहना था वही है ना ?" पोर्टर मारीमुथु ने सिर हिलाया "हां.. हां... वही वहीं
राजेश कुमार के तमिल उपन्यास रुपया, पद और बलि का अनुवाद एस. भाग्यम शर्मा ने किया है। यह एक जासूसी और जुर्म की कहानी है। इसमें तुच्छ राजनीति में पड़ कर...
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