स्याह रातों की सुबह श्रुत कीर्ति अग्रवाल द्वारा लघुकथा में हिंदी पीडीएफ

स्याह रातों की सुबह

श्रुत कीर्ति अग्रवाल मातृभारती सत्यापित द्वारा हिंदी लघुकथा

स्याह रातों की सुबह काॅफी हाउस के एक टेबल पर वे दोनों आमने-सामने बैठे हुए थे। ध्यान से देखा तो मासूम बच्चे जैसे चेहरे पर ढेर सारी गम्भीरता लिये वह लड़की अमित को पसंद आ गई थी। "आप ...और पढ़े


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