स्याह रातों की सुबह श्रुत कीर्ति अग्रवाल द्वारा लघुकथा में हिंदी पीडीएफ होम किताबें हिंदी किताबें लघुकथा किताबें स्याह रातों की सुबह स्याह रातों की सुबह श्रुत कीर्ति अग्रवाल द्वारा हिंदी लघुकथा 798 3.2k स्याह रातों की सुबह काॅफी हाउस के एक टेबल पर वे दोनों आमने-सामने बैठे हुए थे। ध्यान से देखा तो मासूम बच्चे जैसे चेहरे पर ढेर सारी गम्भीरता लिये वह लड़की अमित को पसंद आ गई थी। "आप ...और पढ़ेबहुत कम बोलतीं हैं?" बात शुरू करने के लिए उसने पूछा तो एकाएक उधर से एक सुझाव आया... "आप न, इस शादी से इनकार कर दीजिए!" चौंक उठा था वह,"क्यों भला?" "मैं शादी करना ही नहीं चाहती!" लड़की की आवाज़ काँप रही थी। "आप इतनी नर्वस क्यों हैं? छोड़िये शादी-वादी की बातें! काॅफी अच्छी है न यहाँ की?" अमित ने उसे कम पढ़ें पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें स्याह रातों की सुबह अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी श्रुत कीर्ति अग्रवाल फॉलो