इंस्पेक्शन (भाग 3) किशनलाल शर्मा द्वारा सामाजिक कहानियां में हिंदी पीडीएफ होम किताबें हिंदी किताबें सामाजिक कहानियां किताबें इंस्पेक्शन (भाग 3) इंस्पेक्शन (भाग 3) किशनलाल शर्मा द्वारा हिंदी सामाजिक कहानियां 501 2.2k व मण्डल वाणिज्य प्रबन्धक मौर्या, सी पी एस मीणा के साथ ट्रेवेल एजेंसी पहुंचे थे । दो कारे बुक करके उसे सारा प्रोग्राम समझाने के बाद मौर्या, मीना से बोले,"अब उन दुकानों को तय कर लिया जाए जहाँ ...और पढ़ेको शॉपिंग कराने के लिए ले जाना है।आगरे में पेठा,जूते और दस्तकारी का काम होता है।मीना अपनी जानकारी की पेठा, जुते और दस्तकारी के शोरूम पर ले गया।सभी दुकानों पर एडवांस पैसे जमा करा कर मौर्या साहिब बोले,"देखो भई जी एम साहिब से पैसे मत मांगना।अगर वह देने की जिद्द करे तो हर सामान के उनसे आधे ही रेट लेना।'रात दिन कम पढ़ें पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें इंस्पेक्शन (भाग 3) इंस्पेक्शन - उपन्यास किशनलाल शर्मा द्वारा हिंदी - सामाजिक कहानियां 3.2k 13.5k Free Novels by किशनलाल शर्मा अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी उपन्यास प्रकरण हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी किशनलाल शर्मा फॉलो