Svayam ka mulyankan aatma ke sadarbh me - 1 book and story is written by Kamal Advocate in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Svayam ka mulyankan aatma ke sadarbh me - 1 is also popular in Human Science in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. स्वयं का मूल्यांकन आत्मा के संदर्भ में - भाग 1 Kamal Bhansali द्वारा हिंदी मानवीय विज्ञान 2.2k Downloads 8k Views Writen by Kamal Bhansali Category मानवीय विज्ञान पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण पंकेविर्ना सरो भाति सभा खलजनै विर्ना ।कटुवणैविर्ना काव्यं मानसं विशयैविर्ना "।।"यानी सरोवर कीचड़ रहित हो तो शोभा देता है, दुष्ट मानव न हो तो सभा, कटु वर्ण न हो तो काव्य और विषय न हो तो मन शोभा देता है"। हम चाहे, तो इस श्लोक को मनुष्यता की संक्षिप्त अदृश्य परिभाषा मान सकते है। ज्यादातर दर्शन के ज्ञाता कहते है, जीवन को न समझना भी जीवन है, परन्तु उनकी नादानियों से जग जीवन को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। सारा संसार आज कई तरह की मानव- नादानियों से त्रस्त हो रहा है, कहना न होगा हम भी More Likes This जाको राखे साइया द्वारा S Sinha जब मुर्दे जी उठे द्वारा S Sinha लोग मर के भी कैसे जिंदा हो जाते हैं द्वारा S Sinha विवाह और उसके प्रकार... द्वारा Abhishek Chaturvedi समता मूलक समाज की शिक्षा प्रणाली - 1 द्वारा संदीप सिंह (ईशू) हिंदी सतसई परंपरा - 1 द्वारा शैलेंद्र् बुधौलिया प्राचीन भारतीय इतिहास - 1 द्वारा Rajveer Kotadiya । रावण । अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी