Life Philosophy in Sanskrit Vangmaya - 2 book and story is written by Lm Sharma in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Life Philosophy in Sanskrit Vangmaya - 2 is also popular in Short Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
संस्कृत वांग्मय में जीवन दर्शन - 2
Dr Mrs Lalit Kishori Sharma
द्वारा
हिंदी लघुकथा
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विवरण
संस्कारसंस्कार मानव के नव निर्माण की आध्यात्मिक योजना है । चरक ऋषि ने कहां है संस्कारों हि गुणाअंतर आधान, उच्यते अर्थात संस्कार पहले से विद्यमान दुर्गुणों को हटाकर उनके स्थान पर सद्गुणों का आधान कर देने का नाम है । वेद स्मृति आदि ग्रंथों में 42 संस्कारों का उल्लेख है जिनमें 16 प्रमुख हैं गर्भाधान पुस वन सीमंतोनयन जात कर्म नामकरण निष्क्रमण अन्नप्राशन चूड़ा कर्म कर्ण छेदन उपनयन वेद आरंभ समावर्तन विवाह वानप्रस्थ सन्यास और अंत्येष्टि। भारतीय दर्शन में गर्भाधान को एक संस्कार का नाम देना निश्चित ही उसके लक्ष्य की महानता को शुद्ध करता है इसे पति पत्नी द्वारा
ईश्वरीय संगीत और लय से संजोए गए मानव जीवन की धवल कांति से परिपूर्ण संपूर्ण संस्कृत वांग्मय रूपी विशाल सागर भारतीय जीवन दर्शन की उदात्त गरिमा से आलोकित...
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