remorse book and story is written by Archana Singh in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. remorse is also popular in Moral Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. पश्चाताप Archana Singh द्वारा हिंदी सामाजिक कहानियां 8 2.1k Downloads 7.8k Views Writen by Archana Singh Category सामाजिक कहानियां पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण पुरुस्कृत कहानी "पश्चाताप" जिंदगी जो हमें सिखाती है शायद वह किसी पाठशाला में हमें सीखने को नहीं मिलती। वक्त जैसे बेलगाम घोड़े की रफ्तार की तरह भागता ही जा रहा था/ ना जाने कब मैं ५९ वर्ष का एक बेबस इंसान हो गया था। भोर के ४ बजे नींद न आने के कारण आज मैं बिस्तर पर औंधा पड़ा हुआ, जीवन के पिछले उधेड़बुन में उलझ रहा था। आज जैसे अपनी गलतियों का पश्चाताप करना चाह रहा था, मगर मुझे सुनने वाला ही कोई ना था। More Likes This माँ का आख़िरी खत - 1 द्वारा julfikar khan घात - भाग 1 द्वारा नंदलाल मणि त्रिपाठी सौंदर्य एक अभिशाप! - पार्ट 2 द्वारा Kaushik Dave चंदन के टीके पर सिंदूर की छाँह - 1 द्वारा Neelam Kulshreshtha गाजा वार - भाग 1 द्वारा suhail ansari BTS ??? - 4 द्वारा Black डॉ. बी.आर. अंबेडकर जीवन परिचय - 1 द्वारा Miss Chhoti अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी