Rog ene bharkhi gayo! book and story is written by Dave Vedant H. in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Rog ene bharkhi gayo! is also popular in Fiction Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. रोग एने भरखी गयो! Dave Vedant H. द्वारा हिंदी फिक्शन कहानी 1 1.7k Downloads 6.6k Views Writen by Dave Vedant H. Category फिक्शन कहानी पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण उसके संगीत से स्वर्ग चारो दिशाओंमें खील उठता. अप्सराये ज़ूमने लगती और पंछीया मानो की कलरव करके उसके संगीत में सुर पुरा रहे हो. दिन को सूरज और रात को चांद भी उसकी कलाकारी से जलन अनुभव करते. गंधर्व वो नजारा देख कर दंग रह गया. उसने एक छोटा सा गाव अपनी आंखो के सामने देखा. गाव में पहाड़ी के उपर एक बह रहे छोटे से पानी के धोध में अनेक बच्चे खेल रहे थे. अप्सराये गंधर्व का साथ छोड़ कर आगे निकली, पृथ्वी का स्वर्ग देखने! गंधर्व का धरती पर का पहला मित्र था गट्टू! केवल छ साल का More Likes This प्रेम और युद्ध - 1 द्वारा Anand Tripathi कल्पांत सृजन द्वारा satish bhardwaj तानाशाह - भाग 1 द्वारा MaNoJ sAnToKi MaNaS सर्विस पॉर्ट - 1 द्वारा Lalit Kishor Aka Shitiz किरन - 2 द्वारा Veena नागिन और रहस्यमयि दुनिया - 1 द्वारा Neha Hudda प्यार बेशुमार - भाग 6 द्वारा Aarushi Thakur अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी