यह व्यंग्य लेख पाकिस्तान के पनडुब्बियों के शौक और उसकी स्थिति पर केंद्रित है। लेखक सुरजीत सिंह ने यह दर्शाया है कि कुछ देशों की स्थिति ऐसी होती है जैसे कुछ लोग दिखावे के लिए हाथी रखते हैं जबकि उनके पास बकरी भी नहीं होती। पाकिस्तान, जो अभी अपने देश के विकास में असफल है, ने चीन से आठ पनडुब्बियों के खरीदने का समझौता किया है, जो केवल दिखावे के लिए लगता है। लेख में यह भी बताया गया है कि पाकिस्तान के सिद्धांतिक समझौतों की विश्वसनीयता संदिग्ध है। पाकिस्तान ने दावा किया है कि ये पनडुब्बियां उसकी नेवी के लिए हैं, लेकिन लेखक इसे संदेह की दृष्टि से देखते हैं। वह सवाल उठाते हैं कि एक ऐसा देश, जो अपने भीतर की समस्याओं को हल नहीं कर पाया, वह पनडुब्बियों का क्या करेगा। अंत में, लेखक ने अमेरिका और पाकिस्तान के बीच के संबंधों की तुलना एक पिता और बेटे के रिश्ते से की है, जिसमें पाकिस्तान हमेशा आर्थिक सहायता मांगता रहता है। लेख का समापन यह संकेत देता है कि पाकिस्तान की सैन्य क्षमता और उसकी वास्तविक स्थिति के बीच बड़ा अंतर है। पाकिस्तान की पनडुब्बियां Surjeet Singh द्वारा हिंदी लघुकथा 2.2k 3.4k Downloads 8.6k Views Writen by Surjeet Singh Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण pakistan ki pandubbiyan More Likes This नौकरी द्वारा S Sinha रागिनी से राघवी (भाग 1) द्वारा Asfal Ashok अभिनेता मुन्नन द्वारा Devendra Kumar यादो की सहेलगाह - रंजन कुमार देसाई (1) द्वारा Ramesh Desai मां... हमारे अस्तित्व की पहचान - 3 द्वारा Soni shakya शनिवार की शपथ द्वारा Dhaval Chauhan बड़े बॉस की बिदाई द्वारा Devendra Kumar अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी