विश्वासघात--भाग(९) Saroj Verma द्वारा क्लासिक कहानियां में हिंदी पीडीएफ होम किताबें हिंदी किताबें क्लासिक कहानियां किताबें विश्वासघात--भाग(९) Vishwasghat - 9 book and story is written by Saroj Verma in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Vishwasghat - 9 is also popular in Classic Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. विश्वासघात--भाग(९) Saroj Verma द्वारा हिंदी क्लासिक कहानियां 2.3k 7.2k दयाशंकर की बात सुनकर जमींदार शक्तिसिंह कुछ सोच समझकर बोले____ अगर ये ही वो नटराज है तो इससे टकराना तो आसान ना होगा,क्योंकि ये तो अब बहुत बड़ा आदमी बन गया है, ...और पढ़ेजाने कितने नेता और पुलिसवाले इसकी मुट्ठी में होंगें, इससें टकराने के लिए पहले हमें खुद को मजबूत करना होगा,तब जाकर हम इससे टकराने का सोच सकते हैं।। आप बिल्कुल ठीक कह रहें हैं,जमींदार साहब! दयाशंकर बोला।। नटराज से टकराने के लिए किसी शातिर और दिमागदार वकील की जुरूरत है,जो नटराज के मुँह से ही उसके जुर्म उगलवा पाएं और ऐसा वकील ढ़ूढ़ने में वक्त कम पढ़ें पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विश्वासघात--भाग(९) विश्वासघात - उपन्यास Saroj Verma द्वारा हिंदी क्लासिक कहानियां (273) 62.4k 174.5k Free Novels by Saroj Verma अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी