Own sense of social service book and story is written by r k lal in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Own sense of social service is also popular in Comedy stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. सेवा-भाव की अपनी-अपनी सोच r k lal द्वारा हिंदी हास्य कथाएं 21 2.3k Downloads 12.2k Views Writen by r k lal Category हास्य कथाएं पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण सेवा-भाव की अपनी-अपनी सोच आर० के० लाल पार्क में एक शाम बैठे कई बुजुर्ग समाजसेवा करने की बात पर ज़ोर दे रहे थे परंतु उनमे से दो चार लोग कह रहे थे कि उनका अनुभव अच्छा नहीं रहा। महरोत्रा जी ने अपनी कहानी बताई कि एक बार उन्होंने मलिन बस्तियों में जाकर कुछ सेवा करने को सोची । समाचार पत्रों में रोज कई संस्थानों के लोगों की फोटो कपड़ा , खाना वितरित करते छपती है। कुछ लोग तो मलिन बस्तियों के बच्चों को पढ़ाते लिखाते भी हैं। हमने अपने मित्रों के साथ पुराने कपड़े बांटने की योजना More Likes This मैं मंच हूँ द्वारा Dr Mukesh Aseemit प्यार बेशुमार - भाग 8 द्वारा Aarushi Thakur राज घराने की दावत..... - 1 द्वारा pooja कॉमेडी कहानी 3 दोस्तों की - 1 द्वारा Roshan baiplawat समानांतर दुनिया - 1 द्वारा Mansi बाबू जी की मुक्त शैली पिटाई - 1 द्वारा संदीप सिंह (ईशू) चरणनंदन का अभिनंदन - 1 द्वारा Tripti Singh अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी