Murjhaya Phool book and story is written by Mukesh Saxena in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Murjhaya Phool is also popular in Love Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. मुरझाया फूल Mukesh Saxena द्वारा हिंदी प्रेम कथाएँ 3 2.6k Downloads 17.4k Views Writen by Mukesh Saxena Category प्रेम कथाएँ पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण मुरझाया फूल आज यदि कोई रजनी के चेहरे को देखे तो सहज ही कह सकता था कि वह सूख कर काँटा बन गई है। जिस प्रकार कोई फूल प्रातः की बेला में खिलता है और संध्या के होते ही मुरझा जाता है, रजनी भी फूल की भाँति मुरझा गई थी। आज उसके चेहरे पर न तो हँसी ही थी और न ही कोई विनय। परन्तु आज से पहले यदि कोई रजनी को देखता तो यही कहता कि यह वह रजनी नहीं है। आज रजनी की सारी चंचलता गायब हो चुकी थी। उसका चेहरा पत्थर के समान निश्चेष्ट हो गया More Likes This कैंपस क्रश - 1 द्वारा Aditya Ahirwar एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा - 1 द्वारा Aradhana बंधन (उलझे रिश्तों का) - भाग 1 द्वारा Maya Hanchate You Are My Life - Introduction द्वारा Butterfly पहली रात की सुहागरात - भाग 1 द्वारा Sujata Sood अनकही दास्तां (शानवी अनंत) - 1 द्वारा Akshay Tiwari मैनू माही मिलाया द्वारा puja अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी